मैंने अपना पैंट खोल के अपना लण्ड निकाला और नुरसबा के सामने हिलाने लगा
Hindi Sex Story :- मैंने अपना पैंट खोल के अपना लण्ड निकाला और नुरसबा के सामने हिलाने लगा
हेलो दोस्त कैसे हो आप लोग , मेरा नाम सोनू है मैं किसी भी लड़की को देखता हु, उसे मन ही मन एक बार जरूर चोद लेता हूं,
मैं और मेरा दोस्त सुरेश जिसकी यह कहानी हैं. सुरेश के मकान के सामने एक बहुत बड़ी कोठी थी जिसमे एक बिजनेशमेन रहता था. वो अपनी बीवी और बेटी के साथ रहता था. उसकी बेटी की उम्र करीब 19 साल की होंगी. जब भी मै सुरेश को मिलने जाता तो यह लड़की घर के ऊपर के मजले से हमें देखती थी. इस लड़की का कमरा सुरेश के मकान के बिलकुल सामने ही पड़ता था. उसके बाप के डर से पहले पहले हम उसकी और ध्यान नहीं देते थे.
सुरेश ने फिर मुझे इस माँ बेटी के बारे में बताया. सुरेश के मुताबिक़ उस लड़की का नाम नुरसबा था और उसकी माँ का नाम फातिमा था. एक दिन सुरेश ने नुरसबा की माँ को गाडी में कही जाते देखा, वो गाडी में बैठी थी और नुरसबा घर के मेन गेट के पास खड़ी थी. नुरसबा को उसकी माँ कह रही थी की 5 दिन पढने के लिए मत जाना और अपने अब्बू के खाने का ध्यान रखना. घर में अकेली हो तब दरवाजे को बंध ही रखना.
दुसरे दिन सुरेश के माता पिता कहीं बहार गये थे और वो अपने किचन में मेगी बना रहा था. तभी उसके घर की घंटी बजी. उसने दरवाजा खोला तो सामने नुरसबा खड़ी थी.
जी, मेरा नाम नुरसबा हैं हम आप के नए पडोसी हैं. मेरी माँ बहार गई हैं और मुझे थोडा सा दही चाहिए था.
सुरेश: नुरसबा मेरे माता पिता भी दो दिन के लिए बहार गए हैं. मेरे पास दही हैं लेकिन वो ताजा नहीं हैं. लोगी क्या…!
सुरेश ने लोगी क्या को थोडा खिंचा और उसे दबी आवाज में कहा.
नुरसबा: सुरेश आप से मिलकर ख़ुशी हुई मुझे.
सुरेश: मुझे उस से भी ज्यादा ख़ुशी हुई.
इतना कह के सुरेश ने अपना हाथ नुरसबा की और बढ़ा दिया. दोनों ने हाथ मिलाये और सुरेश के हाथ को मस्त स्पर्श हुआ मुलायम चमड़ी का.
नुरसबा: सुरेश आप का हाथ तो बहुत हार्ड हैं यार.
सुरेश: हां, वो तो हैं. अच्छा तुम किस कोलेज में पढ़ती हो.
नुरसबा: मै सेंट्रल कोलेज में हूँ, लेकिन आजकल कम ही जाती हूँ. मेरे अब्बू कहते हैं की कोलेज रोज जाओंगी तो किसी लड़के को दोस्त बनाओगी, इसलिए मै उनके डर से नहीं जाती हूँ.
सुरेश: लेकिन मुझ से तो अब दोस्ती हो गई हैं ना? कहीं तुम्हारे अब्बू इस से तो नहीं डाटेंगे तुम्हे?
नुरसबा: नहीं मै उन्हें हमारे बारे में पता ही नहीं चलने दूंगी.
नुरसबा के यह कहते ही सुरेश समझ गया की वो एक लण्ड की प्यासी और रंडी किसम की लड़की हैं. और सुरेश यह भी जान गया की इसे दही नहीं बल्कि लण्ड का मख्खन लेना था जिसके लिए वो यहाँ आई थी. सुरेश ने अपने हाथ को उसके हाथ की और किया और नुरसबा को अपनी और खिंच लिया. नुरसबा के बूब्स सुरेश की चेस्ट से टकरा गए.
नुरसबा: अरे इतनी जल्दी नहीं हम लोग दरवाजे पे खड़े हैं किसी ने देख लिया तो…!
सुरेश ने नुरसबा को अंदर खिंचा और डोर को बंध कर दिया. डोर को बंध करते ही नुरसबा ने भी सुरेश को बाहों में भर लिया और उसे लिप किस करने लगी. सुरेश के हाथ नुरसबा के बूब्स पर चले गए और वो उन्हें दबाने लगा.
सुरेश: बहुत बड़े हैं तेरे मम्मे तो नुरसबा…!
नुरसबा: सुरेश जल्दी करो, अब्बू आ जायेंगे कुछ देर में.
सुरेश: अरे हाँ मेरी रंडी मै भी जल्दी ही चोदुंगा तुझे. मेरे को भी बहार जाना हैं और अगर 20 मिनिट में नहीं पहुंचा तो पुरे 22 लोग चोदने के लिए आ पहुंचेंगे.
नुरसबा: क्या?
सुरेश: अरे मै क्रिकेट के लिए जाऊँगा कुछ देर में, अगर मै नहीं गया तो बाकी के लोग यहाँ आयेंगे मुझे बुलाने, और वो सभी चुत के प्यासे हैं. तेरी खुली चुत देख के वो थोड़ी अम्पायरिंग करेंगे, सब बेटिंग करेंगे सिर्फ बेटिंग.
नुरसबा हंस पड़ी. सुरेश ने उसे उल्टा किया और निचे कुतिया बना दिया. नुरसबा ने अपने हाथ से अपना नाड़ा खोला और उसने सलवार को उतार दी. नुरसबा ने पेंटी को उतारने की जगह सिर्फ साइड पर कर दी. सुरेश के लण्ड की जाने की जगह बन गई. सुरेश ने अपना लण्ड नुरसबा की चुत पर रखा और एक ही झटके में उसे पेल दिया उसकी चुत के अंदर.
नुरसबा के मुहं से आह आह ओह ओह बहुत बबड़ाआआआआअ हैं, आह आह आह…..निकलने लगा.
सुरेश जोर जोर से अपने लण्ड को उसकी चुत में ठोकता रहा क्यूंकि दोनों को ही जल्दी चुदाई निपटानी थी. सुरेश ने उसे पांच मिनट चोदा और नुरसबा की चुत ने पानी निकाल दिया. सुरेश की मुठ भी उसकी चुत में निकल पड़ी. नुरसबा कपडे पहन के खड़ी हुई और सुरेश ने हाथ धोके उसे एक कटोरी दही दे दिया.
नुरसबा जाते हुए बोली, सुरेश कल सुबह मिलते हैं मेरे अब्बू जब ऑफिस के लिए निकल जायेंगे तब. तुम कोलेज मत जाना.
सुरेश ने कहा ठीक हैं कल चुदाई लम्बी करनी होंगी लेकिन. नुरसबा हंस के निकल पड़ी और सुरेश ने आधी ठंडी मेगी खाना चालू किया.
सुरेश साइकिल लेकर मेरे घर आया और नुरसबा की चुदाई वाली बात मुझे बताई. मै बोला काश मै भी तेरे घर होता यार. सुरेश ने कहा चल मेरे घर चलते हैं. हम लोग खिड़की में खड़े हुए तो देखा की नुरसबा खिड़की में ही अपने बाल सुखा रही थी. सुरेश से चुदाई के बाद शायद वो नहाने गई थी. सुरेश ने यहाँ से उसे अपना लण्ड पकड़ के दिखाया. नुरसबा ने भी फ़्लाइंग किस भेजी.
मै: सुरेश तू कहे तो मै अपना लण्ड भी दिखा दूँ इसे.
सुरेश ने कहा, दिखा दे ना यार.
मैने अपनी ज़िप खोल के अपना लण्ड निकाला और नुरसबा के सामने हिलाने लगा. उसने फिर से फ़्लाइंग किस भेजी और वो अपने बूब्स दबाने लगी. मैने उसे आने के लिए इशारा किया तो उसने हाथ से कहा की कल आउंगी. सुरेश बोला चल अब निचे चलते हैं किसी ने देख लिया तो पंगे होंगे. मै और सुरेश निचे आये और कुछ देर बाद मै अपने घर चला गया.
दुसरे दिन मै कोलेज के बजाय सीधे ही सुरेश के घर आया. सुरेश मेरी ही वेट कर रहा था. उसने मुझे बताया की नुरसबा ने इशारा किया हैं की उसके अब्बू के जाते ही वो यहाँ आएँगी. हम लोग सुरेश के बरामदे में छिप के उसके बाप की गाडी के निकलने की राह देखने लगे. जैसे ही उसकी गाड़ी निकली नुरसबा इधर उधर देखती हुई सीधे सुरेश के मकान की और आई. वो सीधे ही ऊपर आई और हम लोग भी घर में घुसे. अंदर घुसते ही सुरेश ने नुरसबा को बाहों में भर लिया. नुरसबा मेरी और देख के बोली, ये कौन हैं, इनका लण्ड बहुत बड़ा हैं लेकिन नाम मुझे पता नहीं इनका सुरेश?
सुरेश, ये मेरा दोस्त कुलदीप हैं. उसे भी तेरी चुत लेनी हैं.
नुरसबा खुश हुई औरर बोली, मुझे थ्रीसम में बहुत मजा आता हैं…और आज तो लण्ड भी दोनों बड़े हैं.
नुरसबा के उतना कहते ही सुरेश ने उसे नंगा कर दिया. वो भी सुरेश के लण्ड को पकड के हिलाने लगी. मैने भी अपनी ज़िप खोली और लण्ड बहार निकाला. नुरसबा अब दोनों हाथों से लण्ड हिला रही थी. हम दोनों ही अब उसकी चुत मारने के लिए बेताब थे. सुरेश ने नुरसबा को उल्टा लेटने के लिए कहा. जैसे ही वो लेटी सुरेश ने पीछे से उसकी चुत में लण्ड दे दिया. मैने अपना लण्ड नुरसबा के मुहं में दे दिया. वो आह आह कर के अपनी गांड हिलाने लगी और सुरेश उसे जोर जोर से चोदने लगा. उधर नुरसबा मेरे लण्ड को बड़े मजे से चूसने लगी. सुरेश उसकी चुत में पूरा लण्ड डाल के उसे बड़ा सुख दे रहा था. नुरसबा ने भी जैसे घाट घाट का पानी पिया था क्यूंकि इतनी हार्ड चुदाई के बाद भी वो आराम से लण्ड को कुल्फी की तरह चूस रही थी. नुरसबा की चुत में सुरेश के लण्ड अंदर बहार होने से फच फच की आवाज भी आ रही थी.
सुरेश ने उसे 15 मिनिट चोदा और फिर अपना लण्ड चुत से निकाला. मै अब उस चिकनी चुत के पास गया और उसमे अपने लण्ड को रख दिया. नुरसबा की चुत टाईट नहीं थी इतनी और मेरा लण्ड फट से अंदर घुस गया. नुरसबा अपनी गांड को हिलाने लगी और मेरा लण्ड उस प्रवाह में मस्ती करने लगा. उधर सुरेश ने अपना लण्ड नुरसबा के मुहं में दे दिया और वो उसे चूसने लगी.
मैने भी नुरसबा की चुदाई पुरे 15 मिनिट की. फिर मेरा लण्ड पानी निकाल बैठा. लेकिन सुरेश अभी भी टाईट था.
सुरेश: नुरसबा, अब मै तुम्हे गांड में दूंगा.
नुरसबा: आ जाओ दे दो कहीं भी देना हो तुम्हे.
सुरेश ने पीछे आके अपना लण्ड गांड में दे दिया. नुरसबा पहले मोअन कर रही थी लेकिन फिर वो मस्ती से गांड मरवाने लगी. सुरेश ने उसकी गांड पुरे 5 मिनिट मारी और फिर अपना सारा पानी कूल्हों पर ही निकाल दिया. नुरसबा ने पानी को हाथ से लेके चाटा. फिर हम लोग बाथरूम गए और साथ में नहाये, नहाने के बाद सुरेश पिज़्ज़ा लेने चला गया. जब वो पिज़्ज़ा ले के आया तब तो मैने एक बार और नुरसबा को कुतिया बना के चोद लिया था. हम लोगों ने नंगे ही पिज्जा खाया. खाने के बाद फिर नुरसबा को हम दोनों ने मिल के चोदा और उसकी गांड भी मारी. घर जाने के समय नुरसबा बड़ी ही खुश थी.
नुरसबा अब हमसे रेग्युलर चुद्वाती हैं. और वो उसके आमिर बाप के पैसे भी हम पे लुटाती हैं….
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